हम तो मुकद्दर के मारे थे हुजूर ,
आपने जो देखा ,किस्मत बदल गयी...
हम तो टूटे मस्तूल के सहारे थे हुजूर,
आपने जो थामा, कश्ती सम्हल गयी..
सुना था हमने , पारस का स्पर्श लोहे को भी ,
आपने जो देखा ,किस्मत बदल गयी...
हम तो टूटे मस्तूल के सहारे थे हुजूर,
आपने जो थामा, कश्ती सम्हल गयी..
सुना था हमने , पारस का स्पर्श लोहे को भी ,
दमकता सोना बना सकता है ...
हम तो प्यार से अनजाने थे हुजूर,
आपसे जो मिल गए, जिन्दगी संवर गयी .....
हम तो प्यार से अनजाने थे हुजूर,
आपसे जो मिल गए, जिन्दगी संवर गयी .....
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God Is one