Monday, 26 November 2012

"Avtaar Bani..:

धन निरंकार जी।

"आप ही अपणी जाणे दाता सभ नूं देंदा रहंदा ए।

एह गल अपणे  मुंह  तो लेकिन विरला ही कोई कहंदा ए।

ओही ओही मिलदा सभनूं जो जो वी एह कहंदा ए। 

मिलदा ए जो कह्न्दा ए जो कह्न्दा ए मिल रहंदा ए।

ज़ात इलाही कायम दायम भगत एहनूं निरंकार कहे।

एहो जाणे एहो समझे भाई रे अवतार कहे।

धन निरंकार जी।

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