Thursday, 20 December 2012

"Avtar Bani"

धन निरंकार जी।।।।

"दूक्खा मारया बन्दा वेखो कूके ते फरयाद करे।

याद ना करदा मालक दी जो पल पल ते इमदाद करे।

नाल फनाह दे प्रीतां लाइयां बाकी दी पहचान नही।

मदमस्ती विच मस्त फिरे पर मौत दा एह्नु ध्यान नही।

एह्दा बन्दा ज्म्म्दा मरदा भोग रिहा ए  कई जन्म।

कहे अवतार जगत नु रख ले कर के अपनी मेहर करम।

धन निरंकार जी।।।।

 

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