Sunday, 2 December 2012

"Avtaar bani"

धन निरंकार जी।।।।

"सतगुरु मैंनू चरनी लाया भरम भुलेखा सब गंवाया।

चिन्ता सब दी हो गई दूर  जिधर वेखां नूरो नूर।

दूक्खा ने मुंह फेर लेआ ए सुक्खा मैंनू घेर लेआ ए।

नहीं कोई दिसदा होर किनारा केवल तेरा इक सहारा।

मेहरबान जो सतगुर तुटठा जनम मरण दा संसा मुक्का।

निस दिन तेरी महिमा गावां अवतार गुरु तों वारी जावां।"

धन निरंकार जी।।।। 

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