Saturday, 24 November 2012

"Avtaar bani"

धन निरंकार जी।

"मन्दर दे विच मुस्लिम जा के कलमा नहीं सुणा सकदा।

हिन्दू जा के गुरूद्वारे राम नाम नहीं गा सकदा।

मसजिद अन्दर जे सिख जावे वाहेगुरु नहीं बुला सकदा।

मन्दर दे विच बैठ ईसाई गॉड गॉड नहीं गा सकदा।

पूरा सतगुरु जात पात ते झगड़े सब मिटान्दा ए।

कहे अवतार ए चौं वर्णा नु इक्को थां बिठान्दा ए।

धन निरंकार जी।

 

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