Sunday 8 July 2012

"Avtaar Bani"

vधन निरंकार जी।.

"जिन्ना सयाणा होवे बन्दा ओना मौत डरानदि है
ज्यो ज्यो पैंडा करदी करणी प्यास वि वध्दी जांदी है
अग्ग न दिल दी ठण्डी होवे दरयावा दे पानी तो
पैंडा घर दा मुक़ न सक्के हरगिज मत सयानी तो
मौत ने तेरी इक नि मनणी हड गोडे आ भन्नेगी
जे कर मौत कदी कुझ मन्नी नाम हरी दा मन्नेगी
निरंकार दा नाम जे लइये सुख आन्दा दुःख जान्दा है
अवतार गुरु दी शरनी जाइये ता ऐ नजरी आन्दा है।.

धन निरंकार जी।.

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