Dhan nirankar ji....
तू तूही तूही बोल वे न जिन्दगी नु रोल वे
नाम जप बन्द्या समा है अनमोल वे
न जिंदगी नु रोल वे।...
समय दा पंची तेरे हत्था चो उड़ जावेगा
तू फेर पछतावेगा ऐ हाथ नइयो आवेगा
अजे वि सम्भाल ले जो घड़िया ने कोल वे
न जिंदगी नु रोल वे।...
पैर थक जानगे ते किवे दर आवेगा
बोल सुक जानगे ते गुण किवे गावेगा
काया दे चलदिया तू अखियाँ नु खोल वे
न जिंदगी नु रोल वे।...
सहारा जिह्दा मांगना तू आख़िरकार नु
बाबु विजय जान ले तू इस निरंकार नु
तू संता दी गल नु ले दिल उते रोल वे
न जिंदगी नु रोल वे।...
Dhan nirankar ji....
No comments:
Post a Comment
God Is one